पुरानी फायरिंग वीडियो को मणिपुर का बताकर कर रहे हैं शेयर, जानिए क्या हैं सच्चाई?
फिलहाल मणिपुर में हिंसा भड़की हुई है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मणिपुर में हो रही हिंसा के बीच सोशल मीडिया पर मणिपुर के कई पोस्ट वायरल हो रहे हैं। सभी वायरल पोस्ट में से एक पोस्ट ऐसा भी हैं जिसमे कुछ लोग अंधाधुंध फायरिंग कर रहे हैं। इस फायरिंग वाली वीडियो को शेयर करके कुछ सोशल मीडिया यूजर्स कह रहे हैं कि यह वीडियो मणिपुर का हैं। इस वीडियो में यूजर्स 'मणिपुर ऑन फायर' और 'मणिपुर वायलेंस' जैसे हैशटैग्स का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
इस वायरल वीडियो पर हमारी टीम ने रिसर्च की और रिसर्च के दौरान पाया कि यह वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर जुलाई 2020 को शेयर किया गया था। इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर ने गेमिंग जैसे हैशटैग्स का भी इस्तेमाल किया था।
क्या हैं वायरल वीडियो
अनूप पासी एडवोकेट नाम के एक फेसबूक यूजर ने इस वीडियो को 5 मई 2023 को शेयर करते हुए लिखा हैं, “ये कोई फिल्मी सीन नहीं मणिपुर में मोदी जी की डबल इंजन की सरकार है। अब दलाल मीडिया और मोदी भक्त ये बताए कि यह कौन सा विपक्ष और नेता गये थे भड़काने ?, कहावत है “नाच न जाने, आंगन टेढ़ा” देश बर्बाद कर दिया इन गोडसे की औलादों ने।”
इसी के साथ ट्विटर यूजर पवन बॉक्सर ने भी इस वीडियो को शेयर करते हुए वहीं लिखा जो पहलेयूजर ने लिखा था और एक और राजू पल्लेपगा नाम के ट्विटर यूजर ने वीडियो को शेयर किया है।
ये कोई फ़िल्मी सीन नहीं मणिपुर में मोदी जी की डबल इंजन की सरकार है
— Pawan Boxer (@PawanBoxer_) May 4, 2023
अब दलाल मीडिया और मोदी भक्त ये बताए कि यहाँ कौन सा विपक्ष और नेता गये थे भड़काने ?
कहावत है “नाच न जाने, आँगन टेढ़ा”
देश बर्बाद कर दिया इन गोडसे की औलादों ने।
#ManipurOnFire pic.twitter.com/6zJHmCmwkc
पड़ताल
इस वायरल वीडियो पर पड़ताल करने के लिए हमारी टीम ने सबसे पहले वीडियो से गूगल के इनविड टूल की मदद से कीफ्रेम निकाला और उसे यांडेक्स रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। सर्च करने पर हमने पाया कि थ्रीटी नाम के इंस्टाग्राम यूजर ने अपनी प्रोफाइल पर इस वीडियो को 5 जूलाई 2020 को पोस्ट किया था। इस यूजर की प्रोफाइल पर वीडियो क्रिएटर लिखा था और इसके साथ ही इनके यूट्यूब चैनल पर कई गेमिंग वीडियो भी पोस्ट किए गए हैं।
दि हिंदू में 4 मई को छपी खबर में लिखा है, “मणिपुर सरकार ने 4 मई को गोली मारने का आदेश जारी कर दिया है, क्योंकि एक रैली के बाद जातीय हिंसा भड़कने से राज्य में 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए थे। हिंसा में मारे गए या घायल हुए लोगों की संख्या की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन मुख्यमंत्री नोंगथोम्बम बिरेन सिंह ने स्वीकार किया कि कुछ कीमती जान चली गई हैं।”
इस बारे में हमने वीडियो एक्सपर्ट अरुण कुमार से बात की। उनका कहना है, “जिस अकाउंट से इस वीडियो को शेयर किया गया है, उसके दिए गए हैशटैग्स के अनुसार, यह जीटीए गेमिंग का वीडियो लग रहा है।”
काफी पुराने वीडियो को मणिपुर में हो रहे हिंसा की वीडियो बताकर शेयर करने वाले फेसबुक यूजर अनूप पासी एडवोकेट का अकाउंट हमने स्कैन किया। स्कैन करने पर हमने पाया कि वह यूपी में वकालत करते हैं। 16 फरवरी 2020 को बने इस अकाउंट के करीब 47 हजार फॉलोअर्स हैं।
हमारी अब-तक की जांच पड़ताल के बाद हमें यह पता चला हैं कि यह वायरल वीडियो तीन साल पहले ही इंटरनेट पर शेयर कर दी गई थी। इसका मतलब इस वीडियो का मणिपुर से कोई लेना-देना नहीं हैं।